1. मोहन और जादुई बगीचा

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1. मोहन और जादुई बगीचा

मोहन को बगीचों में घूमना बहुत पसंद था। एक दिन, खेलते-खेलते उसने एक पुराना बगीचा खोज लिया, जो उसके घर के पीछे था। बगीचे में एक बड़ा, जंगली पौधा था, जिसके नीचे एक छोटी सी गुफा थी।

मोहन ने उत्सुकता से गुफा में झाँका और देखा कि वहां एक जादुई पौधा था। पौधा हंसते हुए मोहन से बोला, “नमस्ते मोहन! मैं जादुई पौधा हूँ, और तुम्हारी मदद चाहता हूँ। मेरे फूलों की खुशबू से बगीचा सुंदर और खुशहाल रहता है, लेकिन मैं बहुत थक गया हूँ। क्या तुम मेरी मदद करोगे?”

मोहन ने खुशी-खुशी हाँ कह दी। पौधे ने उसे बताया कि बगीचे के चारों ओर छोटे-छोटे जादुई फूल छिपे हुए हैं। मोहन ने उन फूलों को ढूँढा और सभी को एक जगह जमा किया। जैसे ही मोहन ने फूलों को पौधे के पास रखा, पौधे की खुशी लौट आई और बगीचा फिर से हरा-भरा और सुंदर हो गया।

मोहन ने सीखा कि किसी की मदद करना कितना अच्छा होता है और इस बगीचे की याद हमेशा उसके दिल में बनी रही।

 

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मोहन ने क्या खोजा?

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मोहन ने बगीचे को कैसे बदल दिया?

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जादुई पौधा मोहन से क्या चाहता था?

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मोहन ने जादुई पौधे की मदद कैसे की?

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मोहन ने क्या सीखा?

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